नई दिल्ली: सोशल मीडिया (Social Media) की दुनिया अजीबोगरीब है। यहाँ कब क्या वायरल हो जाए, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। पिछले 24 घंटों से इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और एक्स (Twitter) पर "19 मिनट 34 सेकंड" (19 Minutes 34 Seconds) के एक वीडियो को लेकर कोहराम मचा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि यह किसी इन्फ्लुएंसर या निजी व्यक्ति का लीक वीडियो है।
हजारों यूजर्स कमेंट बॉक्स में "Link please", "Send me video", और "Link in bio" की रट लगाए हुए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस वीडियो को ढूंढने की आपकी यह उत्सुकता आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकती है?
क्या है पूरा मामला? (The Viral Trend)
सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीनशॉट्स और क्लिप्स शेयर किए जा रहे हैं, जिन्हें एक "19 मिनट" का फुल वीडियो बताया जा रहा है। यूजर्स के बीच इसे देखने की होड़ लग गई है। स्कैमर्स और फेक आईडी वाले लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। वे कमेंट्स में दावा कर रहे हैं कि उनके पास "फुल वीडियो" है और लिंक बायो में है।
लिंक मांगने वालों के लिए खतरे की घंटी (The Big Trap)
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों (Cyber Security Experts) के अनुसार, यह एक नया 'फिशिंग ट्रैप' (Phishing Trap) हो सकता है।
-
मैल्वयेर का खतरा: जो लिंक शेयर किए जा रहे हैं, उनमें से अधिकतर फर्जी हैं। उन पर क्लिक करते ही आपके फोन में वायरस या मैलवेयर डाउनलोड हो सकता है।
-
डेटा चोरी: कई लिंक आपको थर्ड-पार्टी वेबसाइट्स पर ले जाते हैं, जहाँ आपकी पर्सनल जानकारी और बैंकिंग डिटेल्स चुराई जा सकती हैं।
-
अकाउंट हैक: "वीडियो देखने के लिए लॉगिन करें" का झांसा देकर आपका इंस्टाग्राम या फेसबुक अकाउंट हैक किया जा सकता है।
क्या वीडियो असली है? (Fact Check)
ज्यादातर मामलों में ऐसे दावे 'क्लिकबैट' (Clickbait) होते हैं।
-
अक्सर पुराने वीडियो को नया बताकर वायरल किया जाता है।
-
कई बार यह डीपफेक (Deepfake) या AI से जनरेटेड कंटेंट होता है।
-
स्कैमर्स सिर्फ फॉलोअर्स बढ़ाने और वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए ऐसे झूठे दावे करते हैं।
कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं आप (Legal Warning)
भारत में किसी के भी निजी या अश्लील वीडियो (MMS) को शेयर करना, मांगना या अपने पास स्टोर करना IT Act 2000 की धारा 67 के तहत दंडनीय अपराध है। अगर यह वीडियो वास्तव में किसी की निजता का हनन है, तो लिंक शेयर करने वाले और उसे फॉरवर्ड करने वाले दोनों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस ऐसे कीवर्ड्स और टेलीग्राम ग्रुप्स पर नजर रखती है।